शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

एक कविता - "मछली"

                      मछली

मछुवारा
तालाब को देख कर बताता है
इसमें इतनी मछली है
और  वह इस जाल से फँसेगी

मछली क्या करेगी ?
जाल मछुवारे का
मछली भी उसकी पाली हुई

मैं केवल
मछुवारे को बदल सकता हूँ.


                     पथिक तारक

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