मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

मेरी एक कविता "जंगल के बारे में "

                                          जंगल के बारे में
जंगल के बारे में
बस मुझे इतना ही पता है
वहाँ पेड़ होते हैं
हरियाली होती है
मानसून अपना रास्ता नहीं भूलते
जंगल के होने से
और वह सब
जो मैनें किताबों में देखी है

जंगल कहीं नहीं आता
हमारे रास्ते पर
गाँव से शहर आने तक
किताब इस बारे में
ज़्यादा कुछ नहीं बोलती

जिस-जिस नें जंगल को लिखा
सिर्फ़ लिखा
पढ़ा नहीं.....


                                            पथिक तारक

गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

मेरी एक कविता "खिलौनो से "

                                    खिलौनो से

बच्चे के पास
चार खि़लौने है
एक मोटर गाड़ी,एक पतंग
बैलगाड़ी और बंदर

बच्चा बताता है-
मोटर गाड़ी ऐसी चलेगी
और यहाँ पर टकरा कर उलट जायेगी

बच्चा पतंग उड़ाता हुआ बताता है
ऐसी उड़ती है पतंग
यहाँ जगह नहीं बची है इसलिए
उलझ जायेंगे इसके धागे

बच्चा अपनी बैलगाड़ी दौड़ाता निकल जाता है
लौट कर कहता है
जितना चाहो दौड़ाओ
पेट्रोल नही चाहिए इसे

बच्चा बताता है
यह बंदर है
चाबी भरो तो नॅाचता है
इसके घर जो नहीं बचे अब .


                                       पथिक तारक