गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

मेरी एक कविता "खिलौनो से "

                                    खिलौनो से

बच्चे के पास
चार खि़लौने है
एक मोटर गाड़ी,एक पतंग
बैलगाड़ी और बंदर

बच्चा बताता है-
मोटर गाड़ी ऐसी चलेगी
और यहाँ पर टकरा कर उलट जायेगी

बच्चा पतंग उड़ाता हुआ बताता है
ऐसी उड़ती है पतंग
यहाँ जगह नहीं बची है इसलिए
उलझ जायेंगे इसके धागे

बच्चा अपनी बैलगाड़ी दौड़ाता निकल जाता है
लौट कर कहता है
जितना चाहो दौड़ाओ
पेट्रोल नही चाहिए इसे

बच्चा बताता है
यह बंदर है
चाबी भरो तो नॅाचता है
इसके घर जो नहीं बचे अब .


                                       पथिक तारक


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