पथिक तारक Pathik Tarak
.......अपना ही विस्तार
सोमवार, 17 अक्तूबर 2011
एक कविता "चाँद के बारे में"
चाँद के बारे में
मैं
रात का
काला
उदास चेहरा
चाँद को
अच्छा नहीं लगा
वह
डूब गया...
पथिक तारक
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