सोमवार, 10 सितंबर 2012

                       बाँध-एक

नदी यहाँ से बँधेगी
उस पहाड़ तक

पानी ही पानी होगा
सिर्फ पानी

जो नदी के साथ-साथ हैं
अब नदी उनके साथ नहीं होगी

              -0-

                  बाँध-दो

यह त्याग भूमि है
उनके लिए पाठ हो कि
बच्चों के साथ बढ़े पेड़ो को त्यागें
नदी को त्यागें
 त्यागें, पुरखों को जो सोये रह गये हैं
नदी की गोद  में

बाज़ार ने तय कर दी है
बिजली उनकी और... उनकी होगी
उनके जल से उपजे अन्न किसी और के
उनके हिस्से की नदी पर बाँध होगा
और बाँध उनका नहीं

इस खेल में 
यह भी तय है
नदी पर कुछ भी न बोला जाये
न ही सुना जाये...


                              पथिक तारक